2013 व 14 में भारत की अर्थव्यवस्था कितने नम्बर पर थी?

2013 व 14 में भारत की अर्थव्यवस्था कितने नम्बर पर थी?

भारत की अर्थव्यवस्था पिछले दो दशकों में उल्लेखनीय बदलावों के दौर से गुज़री है, जिसमें 2013 और 2014 का समय विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहा। इन वर्षों में, भारत ने कई आर्थिक चुनौतियों का सामना किया और साथ ही नई नीतियों और सुधारों के माध्यम से विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए।

2013 में भारत की विकास दर 4.7% थी, जबकि 2014 में यह 7.4% तक पहुँच गई, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा था। इस लेख में, हम 2013 व 14 में भारत की अर्थव्यवस्था की स्थिति, उसकी रैंकिंग, प्रमुख आंकड़े और उन नीतियों पर चर्चा करेंगे जिन्होंने इस विकास को प्रभावित किया।

2013 में भारत की अर्थव्यवस्था

आर्थिक रैंकिंग

2013 में, भारत की अर्थव्यवस्था को विश्व स्तर पर 10वें नम्बर पर रखा गया। इस समय भारत की कुल जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) लगभग 1.84 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर थी। इस वर्ष के दौरान, भारत की विकास दर 4.7% थी, जो कि एक महत्वपूर्ण संकेत था कि अर्थव्यवस्था कठिनाइयों का सामना कर रही थी।

मुख्य आर्थिक चुनौतियाँ

  1. महँगाई: 2013 में महँगाई दर 10% के आसपास रही, जिससे आम जनता पर आर्थिक दबाव बढ़ा।
  2. बाजार में अस्थिरता: विदेशी निवेश में कमी आई, जिससे बाजार में अस्थिरता देखने को मिली।
  3. बिक्री में कमी: उद्योगों में बिक्री में कमी आई, जिससे उत्पादन और रोजगार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।

प्रमुख नीतियाँ

2013 में भारत सरकार ने कई महत्वपूर्ण नीतियाँ लागू कीं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित थीं:

  • डीज़ल और गैस की कीमतों में वृद्धि: सरकार ने इनकी कीमतों में वृद्धि की, जिससे राजस्व में सुधार हुआ।
  • वित्तीय समावेशन: सरकार ने वित्तीय समावेशन की दिशा में कदम उठाए, जिसमें कई योजनाएं शामिल थी।

2013 के महत्वपूर्ण आंकड़े

आर्थिक संकेतकआंकड़ा
कुल जीडीपी1.84 ट्रिलियन डॉलर
विकास दर4.7%
महँगाई दर10%
विदेशी निवेश24 बिलियन डॉलर

2014 में भारत की अर्थव्यवस्था

आर्थिक रैंकिंग

2014 में भारत की अर्थव्यवस्था ने एक महत्वपूर्ण परिवर्तन देखा। विश्व स्तर पर भारत की रैंकिंग 9वें स्थान पर पहुंच गई, और कुल जीडीपी बढ़कर 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई। विकास दर 7.4% पर पहुंच गई, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि अर्थव्यवस्था ने सुधार की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।

मुख्य सुधार और अवसर

  1. निवेश का प्रवाह: 2014 में विदेशी निवेश में वृद्धि हुई, जोकि 36 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
  2. इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास: सरकार ने बुनियादी ढाँचे के विकास पर जोर दिया, जिसमें सड़कों, रेलवे और ऊर्जा परियोजनाएँ शामिल थीं।
  3. उद्यमिता को प्रोत्साहन: सरकार ने “मेक इन इंडिया” जैसे अभियानों के माध्यम से उद्यमिता को प्रोत्साहित किया।

प्रमुख नीतियाँ

2014 में नई सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण नीतियाँ लागू कीं:

  • लघु और मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहन: छोटे उद्योगों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई।
  • भ्रष्टाचार निरोधक कानून: सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कानून बनाए।

2014 के महत्वपूर्ण आंकड़े

आर्थिक संकेतकआंकड़ा
कुल जीडीपी2 ट्रिलियन डॉलर
विकास दर7.4%
विदेशी निवेश36 बिलियन डॉलर
महँगाई दर6.5%

2013 और 2014 का तुलना

तालिका: 2013 और 2014 में भारत की अर्थव्यवस्था की तुलना

आर्थिक संकेतक20132014
कुल जीडीपी1.84 ट्रिलियन डॉलर2 ट्रिलियन डॉलर
विकास दर4.7%7.4%
महँगाई दर10%6.5%
विदेशी निवेश24 बिलियन डॉलर36 बिलियन डॉलर

निष्कर्ष

2013 और 2014 में भारत की अर्थव्यवस्था ने महत्वपूर्ण परिवर्तन और सुधार देखे। 2013 में, भारत की अर्थव्यवस्था 10वें स्थान पर थी, जिसमें विकास दर 4.7% और महँगाई दर 10% थी। हालांकि, 2014 में नई सरकार के तहत कई सकारात्मक नीतियों के कारण, भारत की रैंकिंग 9वें स्थान पर पहुंच गई, और विकास दर 7.4% तक बढ़ गई। विदेशी निवेश में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जो 36 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया।

यह स्पष्ट है कि सरकार की नीतियों और सुधारों ने अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अवधि के दौरान भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति में सुधार किया और एक स्थायी आर्थिक विकास का आधार स्थापित किया। इन दोनों वर्षों का विश्लेषण भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास क्षमता और स्थिरता को उजागर करता है, जो भविष्य में भी सकारात्मक संभावनाओं की ओर इशारा करता है।

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