HEPA फ़िल्टर क्या है? एयर प्यूरीफायर खरीदने से पहले ये बातें जान लें

HEPA फ़िल्टर क्या है? एयर प्यूरीफायर खरीदने से पहले ये बातें जान लें

दोस्तों, आज के दौर में जब हमारे शहरों का AQI (Air Quality Index) खतरे के निशान को पार कर रहा है, साफ हवा में सांस लेना एक लग्जरी नहीं, बल्कि एक ज़रुरत बन गई है। प्रदूषण, धूल, और धुएं से बचने के लिए हम में से कई लोग “Air Purifier” खरीदने का मन बना रहे हैं।

लेकिन बाज़ार में हज़ारों मॉडल्स और भारी-भरकम तकनीकी शब्दों के बीच सही चुनाव करना मुश्किल हो जाता है। आपने अक्सर एक शब्द सुना होगा— HEPA Filter। आखिर यह क्या है? क्या यह वाकई ज़रूरी है या यह सिर्फ एक मार्केटिंग का तरीका है?

आज के इस आर्टिकल में हम एक एक्सपर्ट की नज़र से समझेंगे कि HEPA फ़िल्टर क्या है और एयर प्यूरीफायर खरीदते समय आपको किन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए।

HEPA फ़िल्टर क्या है? (HEPA Filter kya hai)

सरल भाषा में कहें तो HEPA का मतलब है— High Efficiency Particulate Air फ़िल्टर।

इसे आप एक “सूक्ष्म छलनी” (Microscopic Strainer) समझ सकते हैं। जैसे हम चाय छानते हैं ताकि पत्ती अलग हो जाए, वैसे ही HEPA फ़िल्टर हवा को छानता है। लेकिन यह सामान्य जाली से बहुत अलग है। यह हवा में मौजूद उन कणों को भी रोक लेता है जिन्हें हम अपनी नंगी आँखों से देख भी नहीं सकते।

तकनीकी रूप से, एक असली HEPA फ़िल्टर (True HEPA) हवा में मौजूद 0.3 माइक्रोन तक के 99.97% कणों को फंसाने की क्षमता रखता है।

0.3 माइक्रोन कितना छोटा होता है?

इसे समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं: इंसानी बाल की मोटाई लगभग 50 से 70 माइक्रोन होती है। यानी HEPA फ़िल्टर जिस कण को रोकता है, वह बाल की मोटाई से लगभग 200 गुना छोटा होता है। इसमें धूल, पराग (Pollen), फफूंद (Mold), बैक्टीरिया और PM 2.5 जैसे खतरनाक कण शामिल हैं।

HEPA फ़िल्टर काम कैसे करता है?

अक्सर लोगों को लगता है कि यह सिर्फ एक जाली है, लेकिन यह उससे कहीं ज्यादा है। HEPA फ़िल्टर बेतरतीब ढंग से व्यवस्थित फाइबर (glass fibers) का एक जाल होता है। जब हवा इसमें से गुजरती है, तो यह तीन तरीकों से कणों को फंसाता है:

  • Impact (टकराव): बड़े कण सीधे फाइबर से टकराकर वहीं फंस जाते हैं।
  • Interception (रुकावट): मध्यम आकार के कण हवा के बहाव के साथ चलते हैं लेकिन फाइबर के करीब आते ही चिपक जाते हैं।
  • Diffusion (फैलाव): सबसे छोटे कण (जैसे गैस के अणु) टेढ़े-मेढ़े रास्ते से चलते हैं और अंततः फाइबर में फंस जाते हैं।

यही कारण है कि डॉक्टर और विशेषज्ञ अस्थमा या एलर्जी के मरीजों को HEPA फ़िल्टर वाला प्यूरीफायर लेने की सलाह देते हैं।

सावधान: True HEPA बनाम HEPA Type में अंतर

मार्केट में सबसे बड़ा धोखा यहीं होता है। कई सस्ते एयर प्यूरीफायर ब्रांड्स अपने बॉक्स पर “HEPA Type” या “HEPA Like” लिखते हैं। यह असली HEPA नहीं होते। नीचे दी गई टेबल से अंतर समझें:

फ़ीचरTrue HEPA FilterHEPA Type / Like Filter
दक्षता (Efficiency)99.97% (0.3 माइक्रोन तक)99% या उससे कम (2 माइक्रोन तक)
कीमतथोड़ा महंगा होता हैसस्ता होता है
किसके लिए सही है?अस्थमा, एलर्जी और PM 2.5 के लिएसिर्फ सामान्य धूल के लिए
सर्टिफिकेशनअंतराष्ट्रीय मानकों पर टेस्टेडकोई गारंटीड स्टैण्डर्ड नहीं

Air Purifier खरीदने से पहले इन 5 बातों को ज़रूर चेक करें

अगर आप अपनी मेहनत की कमाई सही जगह लगाना चाहते हैं, तो एयर प्यूरीफायर का पेमेंट करने से पहले इन 5 पॉइंट्स को चेकलिस्ट की तरह इस्तेमाल करें:

1. CADR रेटिंग (सबसे ज़रूरी)

CADR का मतलब है Clean Air Delivery Rate। यह संख्या बताती है कि प्यूरीफायर कितनी तेज़ी से हवा को साफ़ कर सकता है।

  • CADR जितना ज़्यादा होगा, मशीन उतनी ही शक्तिशाली होगी।
  • अगर आपका कमरा बड़ा है, तो आपको हाई CADR (300+) वाला मॉडल लेना चाहिए।

2. कमरे का साइज़ (Room Coverage)

हर प्यूरीफायर एक निश्चित क्षेत्र (Square Feet) के लिए बना होता है।

  • मैन्युफैक्चरर के दावे पर आँख बंद करके भरोसा न करें। अगर कंपनी कहती है कि यह 500 sq ft के लिए है, तो मानकर चलें कि यह 350-400 sq ft के लिए सबसे अच्छा काम करेगा।
  • हमेशा अपने कमरे के साइज़ से थोड़ा ज़्यादा क्षमता वाला प्यूरीफायर चुनें।

3. फ़िल्टर बदलने का खर्चा (Filter Replacement Cost)

एयर प्यूरीफायर खरीदना सिर्फ एक बार का खर्च नहीं है। इसके फ़िल्टर को हर 6-12 महीने में बदलना पड़ता है।

  • खरीदने से पहले चेक करें कि उसके रिप्लेसमेंट फ़िल्टर की कीमत क्या है। कहीं ऐसा न हो कि मशीन सस्ती हो, लेकिन उसका सालाना मेंटेनेंस बहुत महंगा पड़े।

4. प्री-फ़िल्टर और कार्बन फ़िल्टर

सिर्फ HEPA काफी नहीं है। एक अच्छे प्यूरीफायर में ये भी होने चाहिए:

  • Pre-Filter: यह बालों और बड़ी धूल को रोकता है, जिससे महंगे HEPA फ़िल्टर की लाइफ बढ़ती है। (यह वॉशेबल होना चाहिए)।
  • Activated Carbon Filter: यह बदबू, रसायनों और धुएं (Gases) को सोखता है। अगर आपके घर के पास ट्रैफिक ज्यादा है, तो यह बहुत ज़रूरी है।

5. शोर और इंडिकेटर (Noise Levels & AQI Monitor)

चूंकि प्यूरीफायर अक्सर रात भर बेडरूम में चलता है, इसलिए उसका “Silent Mode” या “Sleep Mode” होना ज़रूरी है। साथ ही, उसमें रियल-टाइम AQI इंडिकेटर होना चाहिए ताकि आपको पता चले कि हवा साफ़ हो रही है या नहीं।

निष्कर्ष (Conclusion)

दोस्तों, हवा की गुणवत्ता सीधे हमारी सेहत और उम्र से जुड़ी है। HEPA फ़िल्टर कोई जादुई चीज़ नहीं है, लेकिन यह विज्ञान का एक ऐसा तोहफा है जो हमें जहरीली हवा से बचा सकता है।

एयर प्यूरीफायर खरीदते समय लुभावने विज्ञापनों पर न जाएं। हमेशा True HEPA (H13 या H14 ग्रेड), अच्छी CADR रेटिंग और फिल्टर की कीमत को ध्यान में रखकर ही फैसला लें। याद रखें, एक सही मशीन आपके परिवार को सांसों की बीमारी से दूर रख सकती है।

स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें!

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