आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में अप्रत्याशित घटनाएं कभी भी घट सकती हैं। कार का अचानक खराब होना, बीमारी का आ जाना या नौकरी छूट जाना – ऐसी परिस्थितियां आर्थिक तौर पर बोझ बन सकती हैं। अगर ऐसी परिस्थिति में आपके पास बचत न हो तो आप तनाव में आ सकते हैं और गलत फैसले लेने पड़ सकते हैं।
यही वह जगह है जहां आपातकालीन कोष (Emergency Fund) आपकी मदद करता है। आपातकालीन कोष आपके लिए एक वित्तीय सुरक्षा कवच है जो आपको अप्रत्याशित खर्चों का सामना करने में सक्षम बनाता है।
आपातकालीन कोष क्या है? (Emergency Fund kya hai)
आपातकालीन कोष ऐसी जमापूंजी है जिसे आप विशेष रूप से अप्रत्याशित खर्चों के लिए अलग से रखते हैं। इन खर्चों में चिकित्सा खर्च, कार की मरम्मत, घर की मरम्मत, या अचानक से नौकरी छूट जाने जैसी स्थितियां शामिल हो सकती हैं।
आपातकालीन कोष का मुख्य उद्देश्य आपको कठिन समय में आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। यह आपको उधार लेने या अपनी भविष्य की बचत (जैसे रिटायरमेंट फंड) को खर्च करने से बचाता है।
आपातकालीन कोष क्यों जरूरी है?
आप सोच सकते हैं कि क्रेडिट कार्ड या लोन लेकर ही काम चला लिया जाएगा। लेकिन क्रेडिट कार्ड पर लगने वाला ब्याज बहुत ज्यादा होता है और लोन लेने की प्रक्रिया भी जटिल होती है। वहीं, आपातकालीन कोष होने से आपको मानसिक शांति मिलती है। यह जानकर कि आपके पास मुश्किल समय का सामना करने के लिए कुछ जमापूंजी है, आप आराम से परिस्थिति से निपट सकते हैं।
आपातकालीन कोष में कितना पैसा रखना चाहिए?
आपको अपने आपातकालीन कोष में कितना पैसा रखना चाहिए, यह आपकी व्यक्तिगत परिस्थितियों पर निर्भर करता है। आमतौर पर, वित्तीय सलाहकार आपके मासिक खर्च के 3 से 6 महीने के बराबर राशि आपातकालीन कोष में रखने की सलाह देते हैं।
मान लीजिए आपका मासिक खर्च ₹50,000 है तो आपके आपातकालीन कोष में ₹1,50,000 से ₹3,00,000 के बीच राशि होनी चाहिए।
निम्न तालिका यह दर्शाती है कि आपकी जीवनशैली के आधार पर आपातकालीन कोष में कितनी राशि रख सकते हैं:
जीवनशैली | मासिक खर्च | आपातकालीन कोष राशि |
---|---|---|
न्यूनतम खर्च | ₹25,000 | ₹75,000 – ₹1,50,000 |
मध्यम खर्च | ₹50,000 | ₹1,50,000 – ₹3,00,000 |
उच्च खर्च | ₹1,00,000 | ₹3,00,000 – ₹6,00,000 |
अपने आपातकालीन कोष का निर्धारण करते समय, अपने आश्रितों की संख्या, नौकरी की सुरक्षा और किसी भी मौजूदा ऋण को भी ध्यान में रखें।
आपातकालीन कोष कैसे बनाएं?
- अपने बजट में बचत के लिए जगह बनाएं: महीने की शुरुआत में ही अपनी कमाई का एक निश्चित हिस्सा आपातकालीन कोष में जमा कर दें। आप चाहे तो SIP (Systematic Investment Plan) का सहारा ले सकते हैं, जो एक निर्धारित अंतराल पर एक निश्चित राशि को आपके आपातकालीन कोष में जमा करेगा।
- अनावश्यक खर्चों में कटौती करें: अपने खर्चों का विश्लेषण करें और अनावश्यक खर्चों में कटौती करें। आप उन चीजों पर खर्च कम कर सकते हैं जिनकी आपको वास्तव में आवश्यकता नहीं है, जैसे कि बाहर खाना, मनोरंजन, या अनावश्यक खरीदारी।
- अतिरिक्त आय अर्जित करें: आप अपनी आय बढ़ाने के लिए कुछ अतिरिक्त काम कर सकते हैं, जैसे कि पार्ट-टाइम नौकरी या फ्रीलांसिंग।
- अपने खर्चों पर नज़र रखें: अपने खर्चों पर नज़र रखने के लिए एक बजट बनाएं और उसका पालन करें। यह आपको यह देखने में मदद करेगा कि आप कहां पैसे बचा सकते हैं।
- बचत को प्राथमिकता दें: अपनी बचत को प्राथमिकता दें और इसे उधार या खर्च के लिए इस्तेमाल न करें। आपातकालीन कोष में जमा पैसा केवल अप्रत्याशित घटनाओं के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
आपातकालीन कोष कहां रखें?
आपातकालीन कोष को ऐसी जगह रखना चाहिए जो आसानी से सुलभ हो और जहां से आप जल्दी से पैसे निकाल सकें। आप इसे बचत खाते, लिक्विड म्यूचुअल फंड या फिक्स्ड डिपॉजिट में रख सकते हैं।
आपातकालीन कोष का उपयोग कैसे करें?
आपातकालीन कोष का उपयोग केवल अप्रत्याशित घटनाओं के लिए करें। इसका उपयोग गैर-जरूरी खर्चों के लिए न करें। जब आप आपातकालीन कोष से पैसे निकालते हैं, तो उसे जल्द से जल्द वापस भरने का प्रयास करें।
आपातकालीन कोष के लाभ:
- आर्थिक सुरक्षा: आपातकालीन कोष आपको अप्रत्याशित घटनाओं के लिए आर्थिक रूप से सुरक्षित रखता है।
- मानसिक शांति: आपातकालीन कोष आपको मानसिक शांति प्रदान करता है, यह जानकर कि आपके पास मुश्किल समय का सामना करने के लिए कुछ जमापूंजी है।
- ऋण से बचाव: आपातकालीन कोष आपको उधार लेने से बचाता है।
- आपकी भविष्य की बचत को सुरक्षित रखता है: आपातकालीन कोष आपको अपनी भविष्य की बचत, जैसे कि रिटायरमेंट फंड, को खर्च करने से बचाता है।
आपातकालीन कोष एक महत्वपूर्ण वित्तीय उपकरण है जो आपको अप्रत्याशित घटनाओं के लिए तैयार रहने में मदद करता है। आज ही अपना आपातकालीन कोष बनाना शुरू करें और अपनी वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करें।