आयकर स्लैब समझे आसानी से: आप कितना टैक्स देते हैं?

आयकर स्लैब समझे आसानी से: आप कितना टैक्स देते हैं?

आयकर भरना (Paying income tax) हर भारतीय नागरिक का कर्तव्य है, लेकिन ये थोड़ा उलझन वाला विषय हो सकता है। खासतौर पर, आयकर स्लैब (income tax slabs) को समझना कई लोगों के लिए मुश्किल होता है।

आपकी टैक्स देनदारी (Your tax liability) इस बात पर निर्भर करती है कि आपकी आय कितनी है और आप किस टैक्स व्यवस्था (tax regime) को चुनते हैं।

चलिए, आज हम आसान भाषा में समझते हैं कि आयकर स्लैब क्या होते हैं और वो कैसे काम करते हैं!

आयकर स्लैब क्या हैं? (What are Income Tax Slabs?)

आयकर स्लैब दरअसल आय की सीमाएं (income brackets) होती हैं। आपकी कुल आय (total income) इन सीमाओं में से किसमें आती है, इसी के आधार पर आपको टैक्स की दर (tax rate) अदा करनी होती है। जितनी ज्यादा आपकी कमाई (income), उतना ज्यादा टैक्स देना होगा।

सरकार दो तरह की टैक्स व्यवस्थाएं देती है:

  • पुरानी कर व्यवस्था (Old Tax Regime): इसमें कई तरह की कटौतियां और छूट (deductions and exemptions) का फायदा मिलता है।
  • नई कर व्यवस्था (New Tax Regime): इसमें टैक्स स्लैब कम हैं, लेकिन ज्यादातर छूट नहीं मिलती हैं।

वित्त वर्ष 2023-24 और 2024-25 के लिए (For the financial years 2023-24 and 2024-25):

नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) डिफ़ॉल्ट टैक्स व्यवस्था है। हालांकि, आप चाहें तो पुरानी कर व्यवस्था को भी चुन सकते हैं।

भारत में आयकर की गणना आयकर स्लैब्स और लागू वित्तीय वर्ष (FY) और आकलन वर्ष (AY) के लिए दरों का उपयोग करके की जाती है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए आयकर स्लैब्स और दरों के बारे में विस्तृत जानकारी इस लेख में दी गई है।

आयकर स्लैब्स: नई कर व्यवस्था

वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 के लिए नई कर व्यवस्था के तहत आयकर स्लैब्स निम्नलिखित हैं:

आयकर स्लैब्सदरें
₹0 – ₹3,00,000शून्य
₹3,00,001 – ₹6,00,0005% (धारा 87A के तहत कर छूट)
₹6,00,001 – ₹9,00,00010% (धारा 87A के तहत कर छूट ₹7 लाख तक)
₹9,00,001 – ₹12,00,00015%
₹12,00,001 – ₹15,00,00020%
₹15,00,001 से अधिक30%

नई कर व्यवस्था में हुए बदलाव

  • नई कर व्यवस्था होगी डिफ़ॉल्ट: नई कर व्यवस्था डिफ़ॉल्ट होगी, जब तक कि करदाता पुरानी कर व्यवस्था को न चुनें।
  • मूल छूट सीमा बढ़ाई गई: नई कर व्यवस्था में मूल छूट सीमा ₹2.5 लाख से बढ़ाकर ₹3 लाख कर दी गई है।
  • मानक कटौती: नई कर व्यवस्था में वेतनभोगी और पेंशन प्राप्त करने वालों के लिए ₹50,000 की मानक कटौती।
  • अधिकतम अधिभार दर: अधिकतम अधिभार दर 37% से घटाकर 25% की गई।
  • पारिवारिक पेंशन: पारिवारिक पेंशन प्राप्तकर्ताओं के लिए ₹15,000 की मानक कटौती।
  • धारा 87A के तहत छूट: धारा 87A के तहत कर छूट ₹5 लाख से बढ़ाकर ₹7 लाख की गई।

आयकर स्लैब्स: पुरानी कर व्यवस्था

यहां पुरानी कर व्यवस्था के तहत आयकर स्लैब्स दिए गए हैं:

आयकर स्लैब्स< 60 वर्ष के व्यक्ति60-80 वर्ष के वरिष्ठ नागरिक> 80 वर्ष के वरिष्ठ नागरिक
₹0 – ₹2,50,000शून्यशून्यशून्य
₹2,50,001 – ₹3,00,0005%शून्यशून्य
₹3,00,001 – ₹5,00,0005%5%शून्य
₹5,00,001 – ₹10,00,00020%20%20%
₹10,00,001 से अधिक30%30%30%

घरेलू कंपनियों के लिए आयकर स्लैब्स

विवरणपुरानी कर दरेंनई कर दरें
धारा 115BAB (जो धारा 115BA और 115BAA में शामिल नहीं हैं) के तहत कंपनी का पंजीकरण 1 अक्टूबर 2019 के बाद और 31 मार्च 2023 से पहले शुरू हुआ उत्पादन15%
धारा 115BAA के तहत कंपनी जो विशेष कटौती, छूट, प्रोत्साहन और अतिरिक्त अवमूल्यन का दावा किए बिना आय की गणना करती है22%
धारा 115BA के तहत पंजीकृत कंपनी जिसका पंजीकरण 1 मार्च 2016 के बाद हुआ और उत्पादन में शामिल है25%
कंपनी का टर्नओवर / सकल प्राप्ति पिछले वर्ष में ₹400 करोड़ से कम25%25%
अन्य घरेलू कंपनी30%30%

साझेदारी फर्म या LLP के लिए आयकर दरें

साझेदारी फर्म या LLP के लिए पुरानी और नई कर व्यवस्था दोनों में आयकर दर 30% है।

अधिभार और उपकर

  • आय ₹1 करोड़ से अधिक होने पर 12% अधिभार
  • स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर – 4%

कौन सी कर व्यवस्था आपके लिए बेहतर है?

यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी आय कितनी है और आप किन कटौतियों और छूट का फायदा लेना चाहते हैं।

यहां कुछ टिप्स दी गई हैं जो आपको यह तय करने में मदद कर सकती हैं:

  • अगर आपकी आय कम है (If your income is low), तो पुरानी कर व्यवस्था आपके लिए बेहतर हो सकती है, क्योंकि आपको कई तरह की कटौतियां और छूट मिलेंगी।
  • अगर आपकी आय ज्यादा है (If your income is high), तो नई कर व्यवस्था आपके लिए बेहतर हो सकती है, क्योंकि आपको कम टैक्स दरों का लाभ मिलेगा।
  • आप किसी टैक्स विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं (You can consult a tax expert), यह तय करने के लिए कि आपके लिए कौन सी कर व्यवस्था बेहतर है।

आमतौर पर पूछे जाने वाले प्रश्न

आयकर स्लैब हर साल वित्त मंत्री (Finance Minister) द्वारा बजट भाषण (budget speech) में घोषित किए जाते हैं। आइए जानते है आयकर व आयकर स्लैब से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न:

प्रश्न 1: आयकर स्लैब्स क्या हैं और यह कैसे काम करते हैं?

उत्तर: आयकर स्लैब्स आय की श्रेणियों को दर्शाते हैं, जिन पर अलग-अलग दरों पर कर लगाया जाता है। आयकर स्लैब्स का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विभिन्न आय स्तरों के व्यक्तियों पर उचित कर भार हो। उच्च आय वाले व्यक्तियों पर उच्च दर से कर लगाया जाता है, जबकि निम्न आय वाले व्यक्तियों पर निम्न दर से।

प्रश्न 2: क्या मुझे हर साल आयकर स्लैब्स के अनुसार कर रिटर्न दाखिल करना होगा?

उत्तर: हां, आपको हर साल अपनी आय के अनुसार आयकर रिटर्न दाखिल करना होगा। आपकी आय जिस आयकर स्लैब में आती है, उसके आधार पर आपको कर की गणना करनी होगी और निर्धारित समय सीमा के भीतर रिटर्न दाखिल करना होगा।

प्रश्न 3: नई और पुरानी कर व्यवस्था में क्या अंतर है?

उत्तर: नई कर व्यवस्था में अधिक कर स्लैब्स और कम कर दरें हैं, लेकिन इसमें कई कटौतियाँ और छूटें उपलब्ध नहीं हैं। पुरानी कर व्यवस्था में उच्च कर दरें हैं, लेकिन इसमें अधिक कटौतियाँ और छूटें मिलती हैं, जैसे कि धारा 80C, 80D आदि के तहत।

प्रश्न 4: क्या मैं नई कर व्यवस्था चुन सकता हूँ और फिर पुरानी कर व्यवस्था पर वापस जा सकता हूँ?

उत्तर: हां, वेतनभोगी और पेंशनभोगी करदाता हर साल अपनी कर व्यवस्था बदल सकते हैं। लेकिन, गैर-वेतनभोगी करदाताओं के लिए यह विकल्प केवल एक बार ही बदलने का मौका मिलता है।

प्रश्न 5: क्या नई कर व्यवस्था में कोई मानक कटौती उपलब्ध है?

उत्तर: हां, नई कर व्यवस्था में वेतनभोगी और पेंशनभोगी करदाताओं के लिए ₹50,000 की मानक कटौती और पारिवारिक पेंशन प्राप्तकर्ताओं के लिए ₹15,000 की मानक कटौती उपलब्ध है।

प्रश्न 6: क्या कृषि आय पर कर लगता है?

उत्तर: नहीं, भारत में कृषि आय पर कर नहीं लगता है। यह कर मुक्त आय के रूप में मानी जाती है।

प्रश्न 7: क्या धारा 80C के तहत कटौती का दावा करते हुए नई कर व्यवस्था को चुन सकते हैं?

उत्तर: नहीं, यदि आप नई कर व्यवस्था चुनते हैं तो धारा 80C के तहत कटौती का दावा नहीं कर सकते। नई कर व्यवस्था में धारा 80C, 80D आदि के तहत कटौती उपलब्ध नहीं होती है।

प्रश्न 8: क्या आयकर स्लैब्स हर साल बदलते हैं?

उत्तर: आयकर स्लैब्स हर साल नहीं बदलते, लेकिन केंद्रीय बजट के दौरान सरकार द्वारा बदलाव की घोषणा की जा सकती है। इसलिए, करदाताओं को हर साल के बजट में किए गए किसी भी बदलाव के बारे में जागरूक रहना चाहिए।

प्रश्न 9: क्या मुझे आयकर रिटर्न दाखिल करना आवश्यक है यदि मेरी वार्षिक आय ₹2.5 लाख से कम है?

उत्तर: नहीं, यदि आपकी वार्षिक आय ₹2.5 लाख से कम है, तो आपको आयकर रिटर्न दाखिल करना आवश्यक नहीं है। हालांकि, यदि आपने किसी वित्तीय लेनदेन में भाग लिया है या कर वापसी का दावा करना चाहते हैं, तो आपको रिटर्न दाखिल करना पड़ सकता है।

प्रश्न 10: क्या एनआरआई (गैर-निवासी भारतीय) के लिए आयकर स्लैब्स अलग होते हैं?

उत्तर: नहीं, एनआरआई के लिए आयकर स्लैब्स भारतीय निवासियों के समान होते हैं। हालांकि, उनकी कुछ विशेष आय जैसे विदेशी स्रोतों से आय और विदेशी संपत्ति पर अलग-अलग कर नियम लागू हो सकते हैं।

प्रश्न 11: क्या मेरी पेंशन आय पर कर लगता है?

उत्तर: हां, पेंशन आय पर कर लगता है। यह वेतन की तरह ही कर योग्य होती है और आपकी कुल आय के साथ जोड़कर आयकर स्लैब्स के अनुसार कर की गणना की जाती है।

प्रश्न 12: क्या नई कर व्यवस्था में हाउस रेंट अलाउंस (HRA) पर छूट मिलती है?

उत्तर: नहीं, नई कर व्यवस्था में हाउस रेंट अलाउंस (HRA) पर छूट नहीं मिलती है। यदि आप पुरानी कर व्यवस्था चुनते हैं, तो आप HRA पर छूट का लाभ उठा सकते हैं।

इन सामान्य प्रश्नों के उत्तर से आयकर स्लैब्स और संबंधित नियमों के बारे में आपकी समझ और भी गहरी होगी, जिससे आप अपने आयकर रिटर्न को सही और समय पर दाखिल कर सकेंगे।

निष्कर्ष: (Conclusion:) आयकर स्लैब को समझना थोड़ा जटिल हो सकता है, लेकिन यह जानना महत्वपूर्ण है कि आप कितना टैक्स देते हैं और आप अपनी कर देनदारी (tax liability) को कैसे कम कर सकते हैं। अधिक जानकारी (For more information): आयकर विभाग की वेबसाइट (Income Tax Department Website): https://www.incometax.gov.in/iec/foportal/ पर विजिट करें।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top