ब्याज दर बनाम वार्षिक प्रतिशत दर (APR): असली फर्क़ क्या है?

ब्याज दर बनाम वार्षिक प्रतिशत दर (APR): असली फर्क़ क्या है?

आप लोन लेने की सोच रहे हैं, या फिर क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन कर रहे हैं? अगर हां, तो आपने “ब्याज दर” (Interest Rate) और “वार्षिक प्रतिशत दर” (APR) शब्द जरूर सुने होंगे। दोनों का लेन-देन से सीधा संबंध है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों में क्या अंतर है? बहुत से लोगों को लगता है कि ये दोनों एक ही चीज़ हैं, लेकिन ऐसा नहीं है।

आज के इस ब्लॉग में, हम ब्याज दर और वार्षिक प्रतिशत दर (Annual Percentage Rate) के बीच के महत्वपूर्ण अंतर को समझने में आपकी मदद करेंगे। साथ ही, हम आपको यह भी बताएंगे कि लोन या क्रेडिट कार्ड चुनते समय आपको किस पर ध्यान देना चाहिए।

ब्याज दर क्या है?

ब्याज दर वह दर है, जो आपको लोन की राशि पर चुकानी होती है, इसे एक प्रतिशत के रूप में दर्शाया जाता है। उदाहरण के लिए, अगर आप किसी बैंक से 10 लाख रुपये का लोन 10% की ब्याज दर पर लेते हैं, तो आपको हर साल सिर्फ ब्याज के तौर पर 1 लाख रुपये चुकाने होंगे (10 लाख * 10% = 1 लाख)।

ब्याज दरें कई कारकों पर निर्भर करती हैं, जैसे आपका क्रेडिट स्कोर, लोन की अवधि, लोन का प्रकार, और बैंक की नीतियां। आम तौर पर, अच्छा क्रेडिट स्कोर जितना होगा, ब्याज दर उतनी ही कम मिलेगी।

वार्षिक प्रतिशत दर (APR) क्या है?

वार्षिक प्रतिशत दर (APR) लोन की कुल लागत को दर्शाती है, जिसे एक वार्षिक दर के रूप में व्यक्त किया जाता है। इसमें सिर्फ ब्याज दर ही नहीं, बल्कि लोन से जुड़े अन्य सभी शुल्क भी शामिल होते हैं, जैसे कि प्रोसेसिंग फीस, फोरक्लोज़र शुल्क, और मूल्यांकन शुल्क।

आसान शब्दों में कहें, तो APR आपको बताती है कि लोन लेने पर आपको वास्तव में कितना चुकाना पड़ेगा। यह ब्याज दर से थोड़ी ज्यादा हो सकती है क्योंकि इसमें अन्य शुल्क भी शामिल होते हैं।

ब्याज दर और APR में अंतर को समझने के लिए एक उदाहरण

मान लीजिए आप 5 लाख रुपये का कार लोन ले रहे हैं। दोनों कंपनियों (कंपनी A और कंपनी B) ने आपको 10% की ब्याज दर की पेशकश की है।

कंपनीब्याज दरप्रोसेसिंग फीसवार्षिक प्रतिशत दर (APR)
कंपनी A10%₹2,00010.40%
कंपनी B10%₹5,00011.00%

ऊपर दिए गए उदाहरण में, दोनों कंपनियों ने आपको 10% की ब्याज दर की पेशकश की है, लेकिन कंपनी A का APR (10.40%) कंपनी B के APR (11.00%) से कम है, ऐसा इसलिए है क्योंकि कंपनी A की प्रोसेसिंग फीस कम है।

इस उदाहरण से यह स्पष्ट है कि सिर्फ ब्याज दर को देखकर लोन का चुनाव नहीं करना चाहिए। आपको हमेशा APR पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यह आपको लोन की असली लागत बताता है।

तालिका से अंतर को समझें

निचे दी गई तालिका में हमने आपको ब्याज दर और APR के बीच के अंतर को स्पष्ट रूप से समझाने का प्रयास किया है:

विशेषताब्याज दरवार्षिक प्रतिशत दर (APR)
परिभाषालोन की राशि पर लगने वाला ब्याजलोन की कुल लागत, जिसमें ब्याज दर और अन्य सभी शुल्क शामिल हैं
इकाईप्रतिशत (%)प्रतिशत (%)
क्या शामिल हैसिर्फ ब्याजब्याज दर + प्रोसेसिंग फीस, फोरक्लोजर शुल्क, और अन्य लागू शुल्क
गणनाऋण राशि x ब्याज दरब्याज दर + लोन से जुड़े अन्य शुल्क
लोन की वास्तविक लागत दर्शाता हैनहींहाँ
कौन सी दर अधिक होती है?आमतौर पर कमआमतौर पर थोड़ी अधिक (ब्याज दर + शुल्क)

कब किस पर ध्यान दें?

अब सवाल ये उठता है कि लोन या क्रेडिट कार्ड चुनते समय आपको ब्याज दर पर ध्यान देना चाहिए या APR पर?

आपको हमेशा APR पर ध्यान देना चाहिए। जैसा कि हमने ऊपर बताया, APR लोन की कुल लागत को दर्शाता है, जिसमें ब्याज दर के साथ-साथ अन्य सभी शुल्क भी शामिल होते हैं। इसलिए, APR की तुलना करना ही सबसे अच्छा तरीका है कि आप विभिन्न लोनदाताओं या क्रेडिट कार्ड कंपनियों की पेशकशों में से सबसे किफायती विकल्प चुन सकें।

हालांकि, कुछ मामलों में ब्याज दर भी महत्वपूर्ण होती है। उदाहरण के लिए, अगर आप दो अलग-अलग क्रेडिट कार्ड के बीच चुनाव कर रहे हैं, और दोनों का APR समान है, तो आप ब्याज दर पर ध्यान दे सकते हैं।

लोन या क्रेडिट कार्ड चुनते समय ध्यान देने योग्य बातें:

  • लोन की अवधि: लोन की अवधि जितनी लंबी होगी, आपको उतना ही अधिक ब्याज चुकाना होगा।
  • चुकाने की शर्तें: कुछ लोन में लचीली चुकाने की शर्तें होती हैं, जबकि अन्य में नहीं।
  • अन्य शुल्क: लोन से जुड़े अन्य शुल्कों, जैसे कि प्रोसेसिंग फीस, फोरक्लोज़र शुल्क, और मूल्यांकन शुल्क, पर ध्यान दें।

निष्कर्षः

ब्याज दर और APR दोनों ही महत्वपूर्ण हैं, लेकिन आपको हमेशा APR पर ध्यान देना चाहिए. APR आपको लोन की कुल लागत बताता है, जिसमें ब्याज दर के साथ-साथ अन्य सभी शुल्क भी शामिल होते हैं।

लोन या क्रेडिट कार्ड चुनते समय, आपको अपनी जरूरतों और वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखना चाहिए। आपको हमेशा विभिन्न विकल्पों की तुलना करनी चाहिए और सबसे किफायती विकल्प चुनना चाहिए।

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