बैंक में पैसे रखने पर टैक्स - मिथक या सच्चाई

बैंक में पैसे रखने पर टैक्स – मिथक या सच्चाई

आपने शायद ये सुना होगा कि बैंक में एक निश्चित राशि से अधिक जमा करने पर टैक्स लगता है ये सुनकर आपके मन में कई सवाल उठ सकते हैं – क्या ये सच है? कितनी राशि पर टैक्स लगता है? चलिए, आज के इस ब्लॉग में हम बैंक में राशि जमा करने और टैक्स से जुड़े मिथकों का पर्दाफाश करते हैं और आपको सही जानकारी देते हैं।

बैंक में पैसे रखने पर टैक्स: वास्तविकता क्या है?

आजकल बहुत से लोग यह सवाल करते हैं कि क्या बैंक में पैसे रखने पर हमें टैक्स देना पड़ता है? यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है जिसे समझने के लिए हमें कई पहलुओं पर गौर करना होगाः

1. सामान्य धारणा और वास्तविकता

बहुत से लोग मानते हैं कि बैंक में पैसे रखने पर सीधे टैक्स देना पड़ता है। यह धारणा अक्सर भ्रमित करने वाली होती है। वास्तविकता में, बैंक में पैसे रखने पर कोई सीधा टैक्स नहीं लगता है। हां, कुछ परिस्थितियों में टैक्स लग सकता है, लेकिन वह सीधे बैंक में पैसे रखने से नहीं जुड़ा होता।

2. ब्याज आय पर टैक्स

जब हम अपने पैसे बैंक में जमा करते हैं, तो उस पर हमें ब्याज मिलता है। इस ब्याज आय पर टैक्स देना पड़ता है। भारत में, यह ब्याज आय आपकी कुल आय में शामिल होती है और आपकी आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाता है।

3. TDS की अवधारणा

भारत में, यदि किसी व्यक्ति को बैंक से ब्याज आय मिलती है और वह निश्चित सीमा से अधिक होती है, तो बैंक उस पर टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) काटता है। यह TDS आपके कुल टैक्स देनदारी के खिलाफ एडजस्ट हो सकता है।

टैक्स लगने का आधार ब्याज आय है, ना कि जमा राशि

यह समझना महत्वपूर्ण है कि बैंक में जमा राशि पर सीधे तौर पर कोई टैक्स नहीं लगता है बल्कि, ब्याज आय पर कर लगाया जाता है। बैंक हर तिमाही में आपके खाते में जमा ब्याज को दर्शाता है यही वह राशि है, जिस पर आपकी कर देयता (Tax Liability) बन सकती है।

उदाहरण के लिए:

  • मान लीजिए आपके बचत खाते में ₹10,000 जमा है और वार्षिक ब्याज दर 5% है।
  • इस स्थिति में, एक वर्ष में आपको ₹500 का ब्याज प्राप्त होगा।
  • यही ₹500 आपके कर योग्य आय में जुड़ता है।

TDS कटौती को समझें

बैंक, नियमों के अनुसार, एक निश्चित सीमा से अधिक ब्याज आय पर Tax Deducted at Source – TDS कटता है।

वर्तमान में, वरिष्ठ नागरिकों को छोड़कर, सभी के लिए TDS कटौती की सीमा ₹40,000 प्रति वर्ष है। इसका मतलब है कि यदि आपकी ब्याज आय ₹40,000 से अधिक है, तो बैंक उस राशि पर 10% की दर से TDS काट लेगा।

TDS कटौती से बचने के लिए विकल्प

यदि आपकी कुल कर योग्य आय इतनी कम है कि उस पर कोई कर नहीं लगता है, तो आप Form 15G जमा करके TDS कटौती से बच सकते हैं। यह फॉर्म बैंक को यह बताता है कि आपको उस विशिष्ट वित्तीय वर्ष में कर कटौती की आवश्यकता नहीं है।

नगद निकासी पर टैक्स कटौती (TCS) की जानकारी

एक अप्रैल 2020 से लागू नियम के अनुसार, यदि आप एक वित्तीय वर्ष में अपने बैंक खाते से ₹1 करोड़ से अधिक नकदी निकालते हैं, तो बैंक उस राशि पर 2% की दर से TCS काट लेगा

हालांकि, यदि आपने पिछले तीन वर्षों से लगातार आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल नहीं किया है, तो यह सीमा घटकर ₹20 लाख हो जाती है और उस राशि पर 5% की दर से TCS कटौती लग सकती है

आइए इसे एक टेबल में सारांशित करें:

परिदृश्यकर योग्य राशिटीडीएस कटौतीटीसीएस कटौती
बचत खाते में जमा राशिनहींनहीं
ब्याज आयब्याज राशि₹40,000 से अधिक होने पर 10%
एक वित्तीय वर्ष में ₹1 करोड़ से अधिक नकद निकासीनहीं2%
पिछले 3 वर्षों में ITR दाखिल न करना और ₹20 लाख से अधिक नकद निकासीनहीं5%

ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण बातेंः उपरोक्त जानकारी केवल बैंक खातों में जमा राशि और उस पर लगने वाले करों के संदर्भ में है। अन्य प्रकार के निवेशों पर कर अलग-अलग तरीके से लागू हो सकते हैं।

बैंक में जमा राशि पर सीधे तौर पर कोई टैक्स नहीं लगता है केवल ब्याज आय पर ही टैक्स देय होता है, वह भी एक सीमा से अधिक होने पर या पिछले तीन वर्षों से ITR दाखिल न करने की स्थिति में। इसलिए, भ्रामक सूचनाओं पर ध्यान न दें और सही जानकारी रखें।

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