राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन क्या है? भारत का हरित ऊर्जा क्रांति की ओर बढ़ता कदम

राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन क्या है? भारत का हरित ऊर्जा क्रांति की ओर बढ़ता कदम

भारत ने हमेशा से ही ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने का सपना देखा है। जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के बढ़ते खतरों के बीच, देश अब एक नई ऊर्जा क्रांति की ओर बढ़ रहा है। इसी कड़ी में, भारत सरकार ने राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन (National Hydrogen Mission) की शुरुआत की है। यह मिशन न केवल भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने का वादा करता है, बल्कि पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी नई दिशा देता है।

आइए, इस लेख में हम विस्तार से जानें कि राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन क्या है (National Hydrogen Mission kya hai), इसके लाभ क्या हैं, और यह भारत के भविष्य को कैसे आकार दे सकता है।

राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन क्या है? (National Hydrogen Mission kya hai)

भारत सरकार ने 15 अगस्त 2021 को राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन (National Hydrogen Mission – NHM) की घोषणा की। इसका मुख्य उद्देश्य हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) उत्पादन को बढ़ावा देना और देश को स्वच्छ ऊर्जा (Clean Energy) के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। यह मिशन भारत की नेट-ज़ीरो उत्सर्जन (Net-Zero Emission) नीति और 2030 तक 500 GW नवीकरणीय ऊर्जा प्राप्त करने के लक्ष्य का हिस्सा है।

राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन का प्रमुख उद्देश्य अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) जैसे सौर (Solar) और पवन ऊर्जा (Wind Energy) का उपयोग करके हाइड्रोजन का उत्पादन करना है।

हाइड्रोजन ईंधन क्यों महत्वपूर्ण है?

  • पारंपरिक जीवाश्म ईंधनों (Fossil Fuels) की तुलना में शून्य कार्बन उत्सर्जन (Zero Carbon Emission) करता है।
  • ऊर्जा उत्पादन में बेहतर दक्षता और सस्टेनेबिलिटी प्रदान करता है।
  • परिवहन, उद्योग और बिजली उत्पादन में क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन को बढ़ावा देता है।

राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के मुख्य उद्देश्य

राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन भारत के ऊर्जा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए कई प्रमुख उद्देश्यों पर केंद्रित है:

  1. हरित हाइड्रोजन उत्पादन को बढ़ावा देना – नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से हाइड्रोजन उत्पन्न करना।
  2. हाइड्रोजन भंडारण और वितरण को सुविधाजनक बनाना – सुरक्षित और प्रभावी स्टोरेज तकनीकों का विकास।
  3. औद्योगिक उपयोग के लिए हाइड्रोजन को अपनाना – इस्पात, उर्वरक, रिफाइनरी और अन्य उद्योगों में इसका प्रयोग बढ़ाना।
  4. निर्यात बाजार विकसित करना – भारत को हरित हाइड्रोजन का वैश्विक आपूर्तिकर्ता बनाना।
  5. शोध और नवाचार को प्रोत्साहित करना – हाइड्रोजन उत्पादन और उपयोग के लिए नई तकनीकों पर काम करना।

हरित हाइड्रोजन क्या है और यह कैसे बनता है?

हरित हाइड्रोजन एक प्रकार का क्लीन फ्यूल है जिसे पानी के इलेक्ट्रोलिसिस (Electrolysis) द्वारा उत्पादित किया जाता है, जिसमें बिजली का उपयोग पानी (H₂O) को हाइड्रोजन (H₂) और ऑक्सीजन (O₂) में विभाजित करने के लिए किया जाता है। जब यह बिजली सौर (Solar) या पवन (Wind) ऊर्जा से उत्पन्न होती है, तो इसे हरित हाइड्रोजन कहा जाता है।

हाइड्रोजन के प्रकार:

प्रकारउत्पादन विधिकार्बन उत्सर्जन
हरित हाइड्रोजननवीकरणीय ऊर्जा से जल का इलेक्ट्रोलिसिसशून्य (Zero)
नीला हाइड्रोजनप्राकृतिक गैस से उत्पादन, कार्बन कैप्चर तकनीक के साथकम (Low)
ग्रे हाइड्रोजनप्राकृतिक गैस या कोयले से उत्पादनउच्च (High)

हरित हाइड्रोजन का महत्व:

  • क्लाइमेट चेंज (Climate Change) से निपटने में सहायक
  • डीजल और पेट्रोल के विकल्प के रूप में उपयोग
  • भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करता है

राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के लाभ

1. पर्यावरणीय लाभ

  • जीवाश्म ईंधनों की खपत में कमी
  • ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी
  • जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद

2. आर्थिक लाभ

  • नई नौकरियों का सृजन
  • ऊर्जा आयात पर निर्भरता घटेगी
  • भारत का वैश्विक हाइड्रोजन हब बनने का अवसर

3. उद्योगों के लिए संभावनाएँ

राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की चुनौतियाँ

चुनौतीविवरण
उच्च उत्पादन लागतहाइड्रोजन उत्पादन की मौजूदा तकनीक महंगी है
इंफ्रास्ट्रक्चर की कमीहाइड्रोजन भंडारण और परिवहन के लिए उपयुक्त प्रणाली नहीं है
तकनीकी चुनौतियाँइलेक्ट्रोलाइजर और अन्य तकनीकों में सुधार की आवश्यकता
नीति और विनियमनस्पष्ट नीति और सब्सिडी मॉडल की कमी

समाधान:

  • सरकार अनुसंधान और विकास (R&D) में निवेश बढ़ा रही है।
  • निजी क्षेत्र और वैश्विक कंपनियों को भारत में हाइड्रोजन उत्पादन में निवेश के लिए आमंत्रित किया जा रहा है।

राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन से जुड़ी सरकारी पहलें

भारत सरकार ने इस मिशन को सफल बनाने के लिए कई नीतियाँ लागू की हैं:

  1. प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना – हाइड्रोजन उत्पादन और इलेक्ट्रोलाइजर निर्माण को बढ़ावा देने के लिए।
  2. 2030 तक 5 MMT हरित हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य
  3. वैश्विक साझेदारियों की स्थापना – यूरोपीय संघ, अमेरिका और जापान के साथ हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी सहयोग।

राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन का भविष्य और संभावनाएँ

क्या भारत हाइड्रोजन सुपरपावर बन सकता है?

  • भारत के पास अपार सौर और पवन ऊर्जा संसाधन हैं, जो इसे हरित हाइड्रोजन उत्पादन में अग्रणी बना सकते हैं।
  • रिलायंस, टाटा, अदानी और IOCL जैसी कंपनियाँ इस क्षेत्र में बड़े निवेश कर रही हैं।
  • 2030 तक वैश्विक हाइड्रोजन बाजार में 10% हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य।

क्या हाइड्रोजन वाहन भारत में आम होंगे?

  • हाइड्रोजन ईंधन सेल बसें और ट्रक धीरे-धीरे भारतीय सड़कों पर आ रहे हैं।
  • Toyota और Hyundai जैसी कंपनियाँ हाइड्रोजन वाहनों पर काम कर रही हैं।
  • लंबी दूरी की यात्रा के लिए हाइड्रोजन वाहन बेहतर विकल्प हो सकते हैं।

राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन भारत के ऊर्जा भविष्य के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। यह न केवल पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देगा बल्कि आर्थिक विकास और नवाचार के नए अवसर भी खोलेगा। यदि भारत इस मिशन को सफलतापूर्वक लागू करता है, तो यह देश को हरित ऊर्जा क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बना सकता है।

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